हेल्थ डेस्क.मूंग की दाल का पानी का अगर रेग्युलर लेते हैं तो कई बीमारियों से बचा जा सकता है। दरअसल जब शरीर में गंदगी या टॉक्सिन जमा होते हैं, तो शरीर का भार बढ़ जाता है। मूंग दाल का पानी शरीर से टॉक्सिन को धीरे-धीरे बाहर निकालकर शरीर में इनकी तादात को कम करता है। साथ ही वजन भी कंट्रोल करता है। इसे लगातार 10 दिन लगातार लेने से बदलाव दिखता है। आयुर्वेद में इसे 'दालों की रानी' कहा गया है। डॉ. श्रीलेखा हाड़ा, होम्योपैथ व न्यूट्रीशनिस्ट, मुंबई से जानते हैं क्यों खास है यह दाल...
ऐसा क्या है इसमें
- इसमें प्रोटीन, क्षार और फ्लेवोनॉइड्स हैं। यह पोषण देने के साथ शरीर से हैवी मेटल्स जैसे पारा और सीसा को निकाल बाहर करता है।
- इसमें भारी मात्रा में अल्कलाइन मिनरल जैसे कैल्शियम, मैग्नेशियम, पोटैशियम और सोडियम होता है।
- इसमें अच्छी मात्रा में विटामिन-सी, कार्ब्स और प्रोटीन्स के साथ डायटरी फाइबर भी है। इसका ग्लायसेमिक इंडेक्स भी काफी कम ही होता है।
- एक लीटर पानी में यदि दो मुट्ठी मूंग दाल गलाकर रखी है तो यह अगले दिन आपको भरपूर एनर्जी देगी।
- सावधानी इस बात की रखिए कि दाल के साथ दूध, दही, चीज़ का सेवन नहीं करें। हां, घी इसमें डाला जा सकता है।
- मूंग की दाल का पानी शरीर का तापमान नियंत्रित रखता है और उमस के कारण होने वाली बेचैनी भी नहीं होने देता है, जिससे एनर्जी लूज होने का खतरा नहीं रहता है, जो बीमार होने से बचाएगा।
- यह एकमात्र ऐसी दाल है, जो फ्रिज में रखी तो भी इसके स्वास्थ प्रभाव बढ़ जाएंगे।
इससे लिवर, गॉल ब्लैडर और रक्त साफ होगा। कोई टॉक्सिन यदि जमा है तो यह उसे साफ कर शरीर को ऊर्जा देगा।
ऐसा क्या होता है मूंग में
पसीने के कारण इम्यून सिस्टम गड़बड़ाता है लेकिन यह ऐसा नहीं होने देती है। चूंकि मूंग हल्की होती है, इस कारण से यह आसानी से पचाई जा सकती है। मूंग का प्रभाव बेहद सात्विक रहता है, इसलिए शरीर और दिमाग पर इसका अच्छा असर होता है। हल्की होने के कारण यह शरीर में गैस का इजाफा नहीं होने देती है।
एलोपैथी ये कहती है
मेडिकल साइंस के हिसाब से देखें तो मूंग अल्कलाइन (क्षारीय) फूड है। अत: ये किसी तरह का नुकसान नहीं करती है। साथ ही शरीर को साफ करती है और पाचन में हल्की होती है।
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