गैजेट डेस्क. अमेरिकी टेक कंपनी एपल के सितंबर में होने वाले इवेंट में आईफोन के नए मॉडल्स लॉन्च किए जाएंगे। इन सभी मॉडल्स में कंपनी फेस आईडी का फीचर दे सकती है। एक मीडिया रिपोर्ट में एपल के सूत्रों के हवाले से ये बात कही गई है। इससे पहले भी एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि एपल इस साल तीन नए आईफोन लॉन्च करेगी और इनकी कीमत पिछले साल लॉन्च हुए iPhone X से कम होगी।
सिर्फ iPhone X में है फेस आईडी फीचर : फेस आईडी फीचर अभी तक सिर्फ आईफोन के प्रीमियम मॉडल iPhone X में दिया गया है। Digitimes की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्टिकल कैविटी सरफेस इमिटिंग लेजर (VCSEL) के सप्लायर्स का मानना है कि एपल आईफोन के नए मॉडल्स और आईपैड प्रो के दो मॉडल्स में फेस आईडी देने का प्लान बना रहा है। इससे VCSEL की डिमांड बढ़ेगी। VCSEL एक ऑप्टिकल कंपोनेंट है। फेस आईडी की फंक्शनिंग में इसका महत्वपूर्ण रोल होता है।
फेस आईडी ऐसे करती है काम : एपल की फेस आईडी और दूसरे फेस रिकग्निशन सॉफ्टवेयर के बीच VCSEL सेटअप का ही अंतर है। एपल की फेस आईडी यूजर्स के चेहरे की पहचान करने के लिए VCSEL का ही यूज करती है। VCSEL यूजर्स के चेहरे पर छोटे-छोटे लेजर रिले करता है और इसकी मदद से उनके चेहरे की 3D इमेज तैयार करता है। इसी इमेज से एपल यूजर्स की आईडेंटिटी कंफर्म करता है और किसी दूसरे व्यक्ति को आपका फोन ऐक्सेस करने से रोकता है।
एपल फेस आईडी तकनीक को फाइनेंशियल सुविधा देने वाले ऐप से भी जोड़ना चाहता है, ताकि यूजर्स फेस रिकग्निशन तकनीक की मदद से ट्रांजेक्शन कर सकें। इसलिए एपल फेस आईडी तकनीक में सुधार के लिए काफी इनवेस्ट कर रहा है।
सिर्फ iPhone X में है फेस आईडी फीचर : फेस आईडी फीचर अभी तक सिर्फ आईफोन के प्रीमियम मॉडल iPhone X में दिया गया है। Digitimes की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्टिकल कैविटी सरफेस इमिटिंग लेजर (VCSEL) के सप्लायर्स का मानना है कि एपल आईफोन के नए मॉडल्स और आईपैड प्रो के दो मॉडल्स में फेस आईडी देने का प्लान बना रहा है। इससे VCSEL की डिमांड बढ़ेगी। VCSEL एक ऑप्टिकल कंपोनेंट है। फेस आईडी की फंक्शनिंग में इसका महत्वपूर्ण रोल होता है।
फेस आईडी ऐसे करती है काम : एपल की फेस आईडी और दूसरे फेस रिकग्निशन सॉफ्टवेयर के बीच VCSEL सेटअप का ही अंतर है। एपल की फेस आईडी यूजर्स के चेहरे की पहचान करने के लिए VCSEL का ही यूज करती है। VCSEL यूजर्स के चेहरे पर छोटे-छोटे लेजर रिले करता है और इसकी मदद से उनके चेहरे की 3D इमेज तैयार करता है। इसी इमेज से एपल यूजर्स की आईडेंटिटी कंफर्म करता है और किसी दूसरे व्यक्ति को आपका फोन ऐक्सेस करने से रोकता है।
एपल फेस आईडी तकनीक को फाइनेंशियल सुविधा देने वाले ऐप से भी जोड़ना चाहता है, ताकि यूजर्स फेस रिकग्निशन तकनीक की मदद से ट्रांजेक्शन कर सकें। इसलिए एपल फेस आईडी तकनीक में सुधार के लिए काफी इनवेस्ट कर रहा है।

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