Thursday, 19 July 2018

गर्भावस्था में भूलने की समस्या क्यों होती है?

pregnant memory loss के लिए इमेज परिणाम


हेल्थ डेस्क.गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तनों के कारण बहुत से शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं। ये हार्मोंस न सिर्फ़ उनकी शारीरिक बनावट बल्कि मस्तिष्क की कार्यक्षमता पर भी असर डालते हैं। क़रीब 50 से 80 प्रतिशत महिलाएं गर्भावस्था या प्रसव के बाद याददाश्त में कमी या ध्यान केंद्रित करने में समस्या जैसी शिकायत करती हैं। चिकित्सा विज्ञान में मेमोरी में कमी को 'ऐम्नेसिया' कहा जाता है। उसी तरह जब कोई गर्भवती महिला या नई मां को याद‌्दाश्त संबंधी समस्या होती है तो उस स्थिति को 'मॉमनेसिया' या 'प्रेग्नेंट ब्रेन' कहा जाता है।
डॉ. शालू कक्कड़, ऑब्स्टेट्रिक्स एवं गायनेकॉलजिस्ट से जानते हैं ऐसा क्यों होता है?
क्या हो सकते हैं करण ?
गर्भावस्था के दौरान मस्तिष्क की कार्यक्षमता में कमी के लिए प्राथमिक तौर पर हार्मोंस ज़िम्मेदार होते हैं। कई रिसर्च में यह पाया गया कि यह कमी न्यूरल नेटवर्क पर भी असर डालती है जो गर्भावस्था में मां और बच्चे के बीच भावनात्मक बंधन को बेहतर बनाने के लिए ज़िम्मेदार होते हैं। इसका मुख्य कारण तो हार्मोन में बदलाव है लेकिन साथ ही सही डाइट न लेना, अधिक काम करना, कम नींद लेना आदि कारण भी हो सकते हैं।
किन लक्षणों पर दें ध्यान ?
तनाव, काम में मन न लगना व भूख में कमी लक्षण हो सकते हैं। तनाव, अवसाद व रात की नींद में कमी से दिमाग़ की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। सामान्यत: पांचवें माह में इसके लक्षण दिखाई देना शुरू हो जाते हैं। मुख्यत: यह मां से ही सम्बंधित होता है, बच्चों पर इसका असर दिखाई नहीं देता। गर्भावस्था में चीज़ें भूल जाना बहुत आम बात है। लेकिन याद‌्दाश्त में कमी गम्भीर स्तर पर महसूस हो तो चिकित्सक से परामर्श ज़रूर लें। इसके कारण भूख में कमी और कुछ भी खाने का मन न करना भी हो सकती है। ऐसे में किसी मनोचिकित्सक से सलाह लें।
क्या कहते हैं अध्ययन
एक न्यूरोसाइकोलॉजिकल रिसर्च में 412 गर्भवती महिलाओं, 272 मांओं और 386 एेसी महिलाओं को जो गर्भवती नहीं थीं, शामिल किया गया। उन सभी का एक मेमोरी टेस्ट लिया गया। निष्कर्ष यह सामने आया कि अधिक चुनौतीपूर्ण याद सम्बंधी कार्य में गर्भवती महिलाओं को सबसे अधिक समस्या का सामना करना पड़ा। गर्भावस्था में याद‌्दाश्त में कमी बहुत ही आम और वास्तविक है। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान मस्तिष्क में होने वाले बदलाव सम्बंधी चिकित्सकीय सबूतों के अभाव के चलते न्यूरोलॉजिकल समुदाय दो भागों में बंट गया है। इन बदलावों को लेकर दोनों के ही अलग-अलग विचार हैं। लेकिन, बदलावों की वास्तविकता को लेकर दोनों ही ग्रुप के लोग सहमत  
कैसे निपटें याद‌्दाश्त की कमी से?
1.
इसे जीवनशैली में सुधार कर ठीक किया जा सकता है। योग और व्यायाम रोज़ाना करें। संतुलित और सही समय पर आहार लें।
2.दिनभर के कार्यों की सूची बनाकर उन पर अमल करना जितना पुराना है, उतना ही कारगर उपाय भी है। काम में सबकी मदद लें।
3. घर में एक व्यवस्था बनाकर चलें। हर वस्तु की जगह निर्धारित करें और काम पूरा होने के बाद उसे वहीं पर रखें। यह प्रैक्टिस कुछ ही दिनों बाद आदत में शामिल हो जाएगी।
4.किसी नए व्यक्ति से मिलने पर उनका नाम याद रखने के लिए उनके नाम को फूल के साथ जोड़कर याद करें। फूलों की पहचान करना मेमोरी में अच्छी तरह शामिल होता है।
5.पर्याप्त नींद लें। नींद पूरी न होने पर मस्तिष्क की कार्यक्षमता कम होती है।होते हैं।

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