फेसबुक का शेयर शुक्रवार को अब तक के सबसे ऊंचे स्तर 203.23 डॉलर पर चला गया था. गौर करने की बात यह है कि फेसबुक के स्टॉक में ये उछाल कैंब्रिज एनालिटिका डेटा स्कैंडल और यूजर की निजता में सेंधमारी के कुछ अन्य मामलों को लेकर कंपनी की हुई छीछालेदर के बावजूद आया है.
फॉर्चून की रिपोर्ट के मुताबिक, निवेशक सोशल मीडिया को पहले से ही ज्यादा पसंद करते हैं. इससे पहले 2018 की शुरुआत में जब डेटा सेंधमारी की घटनाओं के उजागर होने पर कंपनी को अमेरिका और यूरोपीय देशों की सरकारों की सघन जांच का सामना करना पड़ा था तब स्टॉक में गिरावट आई थी.
'द टाइम्स' की रिपोर्ट के अनुसार, फेसबुक को थाईलैंड, वियतनाम, कंबोडिया और लाओस जैसे एशियाई देशों में 2019 से लेकर 2022 तक 380 लाइव मैच दिखाने का अधिकार मिला है. यह सौदा 26.4 करोड़ डॉलर में हुआ है. 2012 से अब तक फेसबुक के स्टॉक में 400 फीसदी का इजाफा हुआ है.
इसके अलावा आपको बता दें हाल ही में खबर मिली थी कि चुनाव आयोग ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक से भारत में मतदान से 48 घंटे पहले राजनीतिक विज्ञापन हटाने के लिए कहा है. गौरतलब है कि कैम्ब्रिज एनालिटिका मामले में फेसबुक का नाम सामने आने और इससे अमेरिका में चुनाव प्रभावित होने की घटना के बाद दुनियाभर में सोशल मीडिया के चुनाव में दुरुपयोग को रोकने के प्रयास हो रहे हैं.
.इस संबंध में भारतीय चुनाव आयोग ने एक समिति का गठन किया था. समिति की चार जून की बैठक में जनप्रतिनिधित्व कानून- 1951 की धारा -126 पर विचार किया गया. बैठक में फेसबुक के प्रतिनिधि ने इस बात पर सहमति जताई कि वह अपने पेज पर एक विंडो या बटन उपलब्ध कराने पर विचार करेगा जिस पर चुनाव कानूनों के उल्लंघन की शिकायत की जा सकेगी.
फेसबुक के प्रतिनिधि ने इस बात पर भी सहमति जताई कि उसके यूजर्स द्वारा पोस्ट की जाने वाली कंटेट की समीक्षा करने वालों की संख्या मौजूदा 7,500 से अधिक भी की जा सकती है. चुनाव के समय इस संख्या में परिवर्तन किया जा सकता है. जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा -126 मतदान से 48 घंटे पहले किसी भी तरह के चुनाव प्रचार को प्रतिबंधित करती है ताकि मतदाता को निर्णय करने का समय मिल सके.



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