गूगल ने हाल में अपने जीमेल
में कई नए फीचर ऑफर किए हैं जिनसे इस ईमेल सर्विस की प्राइवेसी और यूजर के
पास होने वाले कंट्रोल में खासा इजाफा हुआ है। इन सभी फीचर्स में सबसे
ज्यादा चर्चा 'कॉन्फिडैंशल मोड'
की हो रही है। इस फीचर को सेंडर के ईमेल की प्राइवेसी में इजाफा करने के
लिए जोड़ा जा रहा है। हालांकि कुछ एक्सपर्ट इसकी आलोचना भी कर रहे हैं। इस
फीचर में आप इस तरह से मेल भेज सकते हैं कि एक खास समय के बाद आपका भेजा
गया ईमेल अपने आप नष्ट हो जात
गौरतलब है कि गूगल ने जीमेल का एक बिल्कुल नया वर्जन लॉन्च किया है जो केवल पीसी ब्राउजर के लिए उपलब्ध है। इसमें कई नए फीचर्स
दिए गए हैं जिनमें से कॉन्फिडैंशल मोड भी एक है। इस मोड में आप अपने
महत्वपूर्ण ईमेल्स को पासकोड के जरिए प्रोटेक्ट कर सकते हैं। इसके अलावा
इसमें यूजर को ऐसा ऑप्शन भी मिलता है कि उसके ईमेल को आगे फॉरवर्ड नहीं
किया जा सकता है। साथ ही यूजर अपने ईमेल में एक खास डेट और समय तय कर सकता
है जिसके बाद ईमेल अपने आप डिलीट हो जाएगा। इसके अलावा इस कॉन्फिडैंशल मेल
को ना तो डाउनलोड किया जा सकता है और ना ही इसे कॉपी/पेस्ट या प्रिंट किया
जा सकता है। हालांकि यूजर इस मेल का स्क्रीनशॉट तो ले ही सकता है।
अभी यूजर द्वारा लॉगइन करने पर क्लासिक जीमेल खुलता है। कॉन्फिडैंशल
मोड व अन्य फीचर्स के लिए यूजर को जीमेल के नए इंटरफेस पर शिफ्ट होना होगा।
इसके लिए सेटिंग आइकन पर क्लिक करके 'ट्राइ न्यू जीमेल' पर क्लिक करना
होगा। नए इंटरफेस को रीलोड होने में कुछ समय लगेगा। आप इस नए जीमेल से वापस
क्लासिक लुक वाले जीमेल पर कभी भी वापस जा सकते हैं।
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दुनियाभर
में ईमेल भेजने के लिए लोग सबसे ज़्यादा इस्तेमाल करते हैं जीमेल।
अब,
लंबे समय के बाद गूगल ने अपने यूजर्स के लिए जीमेल सर्विस को पूरी तरह से
बदल दिया है।
सर्च दिग्गज ने नया अपडेट जारी किया है जिसके साथ ईमेल सर्विस
में कई सारे नए फीचर्स आ गए हैं।
नए फीचर्स के साथ जीमेल अब ज़्यादा
सुरक्षित, कॉन्फिडेंशल और बेहतर यूज़र एक्सपीरियंस देगी।
नए अपडेट के लिए रोलआउट शुरू हो चुका है और अगले कुछ हफ्तों में इसे सभी
यूजर्स के लिए जारी कर दिया जाएगा।
‘रेगुलर’ जीमेल यूजर्स भी इन नए फीचर्स
को सेटिंग में जाकर ‘Try new Gmail’ पर क्लिक कर इस्तेमाल कर सकते हैं।
जानें जीमेल के उन फीचर्स के बारे में जिनके साथ इस ईमेल सर्विस को
इस्तेमाल करना अब और बेहतर हो जाएगा।
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जीमेल
इनबॉक्स में जब किसी ईमेल कनवर्सेशन पर कर्सर लाएंगे तो आपको आर्काइव,
डिलीट,
मार्क एज़ रीड और स्नूज़ जैसे ऑप्शन मिलेंगे। बता दें कि इनमें
स्नूज़ नया फंक्शन है
और इसके जरिए आप किसी ईमेल को बाद में भेजने के लिए
सेट कर सकते हैं।
यहीं दांयीं तरफ आपको कीप, टास्क्स और गूगल कैलंडर जैसे
ऐप्स भी मिल जाएंगे।
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एक
नया फीचर हाई-प्रायोरिटी नोटिफिकेशंस भी अब जीमेल में मिलेगा,
जिसके जरिए
नोटिफिकेशंस केलिए फिल्टर सेट किया जा सकेगा।
सिर्फ उन मेल्स के लिए
नोटिफिकेशन मिलेगी जो जरूरी हैं या अर्जेन्ट हैं।
गूगल का कहना है कि इस
फीचर के जरिए पुश नोटिफकेशंस की संख्या 97 प्रतिशत तक कम हो जाएगी।
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अब
इनबॉक्स में ही पता चल जाएगा कि किस मेल में अटैचमेंट है।
मेसेज के नीचे
एक आइकन होगा जिस पर क्लिक कर बिना ईमेल खोले ही अटैचमेंट को देखा जा
सकेगा।
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अब
जीमेल का एक 'ऑफलाइन' वर्ज़न भी उपलब्ध होगा,
जिसके जरिए यूजर्स इंटरनेट न
होने पर भी अपना काम कर सकेंगे।
यानी मेसेज सिंक हो जाएंगे और जैसे ही
इंटरनेट उपलब्ध होगा ये डाउनलोड हो जाएंगे।
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जीमेल
के वेब यानी डेस्कटॉप पर स्मार्ट रिप्लाई फीचर मिलेगा।
मोबाइल वर्ज़न में
यह फीचर पहले ही उपलब्ध है।
किसी ईमेल के लिए जीमेल फटाफट जवाब के तौर पर
तीन सजेशन देता है।
इन जवाबों को एडिट किया जा सकता है
या फिर यूज़र अपनी
सुविधानुसार इन्हें तुरंत जवाब के तौर पर भेज सकते हैं।
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Nudges
फीचर दो दिन से ज़्यादा पुराने ईमेल्स को इनबॉक्स में टॉप पर दिखाएगा।
गूगल ‘important’ ईमेल्स को पहचानने के लिए मशीन लर्निंग का इस्तेमाल कर
रहा है।
अगर किसी ईमेल में कोई सवाल पूछा गया है और आपने उसका जवाब नहीं
दिया है
तो ईमेल को फ्लैग चिन्ह के साथ मार्क कर दिया जाएगा।
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कॉन्फिडेंशन
मोड में, जीमेल एक टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन प्रोटेक्शन भी ऑफर कर रहा है।
कॉन्फिडेंशल मोड में मिले ईमेल को पढ़ने के लिए यूज़र को एक एसएमएस में
मिले पासकोड डालना होगा।
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जो
लोग अक्सर जरूरी ईमेल्स का जवाब देना भूल जाते हैं,
उनके लिए यह फीचर बहुत
काम का है।
नए snooze फीचर से यूज़र किसी मेसेज को इनबॉक्स में शेड्यूल कर
उसे पिन कर पाएंगे।
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जैसा
कि नाम से ज़ाहिर होता है, अब यूजर्स किसी यूज़र्स को भेजने के लिए
एक्सपायरी डेट सेट कर सकते हैं
यानी मेसेज एक निश्चित अवधि के बाद अपने आप
डिलीट हो जाएगा।
Confidential मोड में जीमेल ईमेल के कॉन्टेन्ट को ईमेल के
तौर पर नहीं भेजता,
बल्कि यूज़र को एक लिंक मिलता है जिसे खोलने पर जीमेल
में एक रेगुलर ईमेल की तरह डिस्प्ले पर
कॉन्टेंट दिखता है।
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गूगल
ने अपने ऐंड्रॉयड व आईओएस के G Suite यूजर्स के लिए एक नया Google Tasks
ऐप रिलीज़ किया है।
इस ऐप के जरिए जी सूट यूजर्स अपने स्मार्टफोन पर
रोजमर्रा के कामों की जानकारी रख सकेंगे।
इसमें किए जाने वाले बदलाव
डेस्कटॉप पर भी Google Tasks में दिखेंगे।
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जीमेल का नया इंटरफेस अब ज़्यादा आकर्षक और स्पष्ट दिखता है।
हालांकि, अभी यह फीचर सिर्फ जीमेल के वेब वर्ज़न के लिए ही है।
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अब
स्क्रीन के दांयीं तरफ एक नया साइड पैनल उपलब्ध होगा और
इसमें गूगल के
सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले ऐप्स रहेंगे।
इनमें कैलंडर, टास्क्स
समेत कई दूसरे ऐप होंगे।
गूगल के मुताबिक, इस फीचर के आने से
यूज़र्स को
दूसरे ऐप्स को इस्तेमाल करने के लिए जीमेल से बाहर जाने की
जरूरत नहीं
पड़ेगी।
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यह
फीचर बिज़नस यूजर्स के ज़्यादा काम का है।
इस फीचर के जरिए यूज़र किसी
मेसेज को
फॉरवर्ड, कॉपी, डाउनलोड या प्रिंटिंग न करने देने के विकल्प के
साथ भेज सकते हैं।
कॉन्फिडैंशल मोड में ऐसे भेजें ईमेल
जीमेल के नए इंटरफेस पर जाने के बाद कॉन्फिडैंशल मेल भेजने के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें:
2. विंडो में दाहिनी तरफ नीचे 'टर्न ऑन कॉन्फिडैंशल मोड' पर क्लिक करें
3. इसके बाद आप अपने नए ईमेल के लिए खास तारीख और समय फिक्स कर सकते
हैं जिसके बाद ईमेल रिसीवर के इनबॉक्स से डिलीट हो जाएगा। साथ ही, यूजर मेल
में पासकोड भी डाल सकते हैं
4. अगर आप 'नो एसएमएस पासकोड' का चुनाव करते हैं तो जीमेल ऐप यूज करने वाला रिसीवर सीधे मेल को ओपन कर सकता है
5. अगर आपने 'एसएमएस पासकोड' का चुनाव किया है तो रिसीवर को टेक्स्ट मेसेज के तौर पर एक पासकोड मिलेगा
एक्सपर्ट क्यों कर रहे हैं आलोचना?
कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि 'कॉन्फिडैंशल मोड' का गलत इस्तेमाल कर
लोगों को परेशान किया जा सकता है क्योंकि यह इस फीचर के जरिए मेल अपने आप
डिलीट हो जाता है। किसी को परेशान करने वाला व्यक्ति इस फीचर के जरिए किसी
को मेल कर सकता है और मेल के डिलीट होने के बाद कोई सबूत भी नहीं मिलेगा।
हालांकि 'कॉन्फिडैंशल मोड' मेल का सब्जेक्ट और सेंडर की डीटेल्स मेल
प्राप्त करने वाले व्यक्ति के इनबॉक्स में सेव हो जाती हैं। इन्हें जबतक
डिलीट न किया जाए ईमेल के डिलीट होने के बाद भी यह इनबॉक्स में मौजूद रहते
हैं। इसके अलावा, किसी भी गलत तरह के मेल का यूजर स्क्रीनशॉट तो ले ही सकता
है। साथ ही, यूजर किसी परेशान करने वाले व्यक्ति को ब्लॉक कर सकता है और
गूगल के पास ऐसे यूजर को रिपोर्ट कर सकता है।
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