अम्मा मेरे बाबा को भेजो री कि सावन आया
आ घिर आई दई मारी घटा कारी
आज रंग है ऐ माँ रंग है री
ऐ री सखी मोरे पिया घर आए
कह-मुकरियाँ अमीर खुसरो
काहे को ब्याहे बिदेस
छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाइके
जब यार देखा नैन भर दिल की गई चिंता उतर
ज़िहाल-ए मिस्कीं मकुन तगाफ़ुल
जो पिया आवन कह गए अजहुँ न आए
जो मैं जानती बिसरत हैं सैय्याँ
तोरी सूरत के बलिहारी, निजाम
दैया री मोहे भिजोया री
दोहे अमीर खुसरो
परदेसी बालम धन अकेली मेरा बिदेसी घर आवना
परबत बास मँगवा मोरे बाबुल, नीके मँडवा छाव रे
बन के पंछी भए बावरे, ऐसी बीन बजाई सांवरे
बहुत कठिन है डगर पनघट की
बहुत दिन बीते पिया को देखे
बहुत रही बाबुल घर दुल्हन
मोरा जोबना नवेलरा भयो है गुलाल
सकल बन फूल रही सरसों
हजरत ख्वाजा संग खेलिए धमाल
आ घिर आई दई मारी घटा कारी
आज रंग है ऐ माँ रंग है री
ऐ री सखी मोरे पिया घर आए
कह-मुकरियाँ अमीर खुसरो
काहे को ब्याहे बिदेस
छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाइके
जब यार देखा नैन भर दिल की गई चिंता उतर
ज़िहाल-ए मिस्कीं मकुन तगाफ़ुल
जो पिया आवन कह गए अजहुँ न आए
जो मैं जानती बिसरत हैं सैय्याँ
तोरी सूरत के बलिहारी, निजाम
दैया री मोहे भिजोया री
दोहे अमीर खुसरो
परदेसी बालम धन अकेली मेरा बिदेसी घर आवना
परबत बास मँगवा मोरे बाबुल, नीके मँडवा छाव रे
बन के पंछी भए बावरे, ऐसी बीन बजाई सांवरे
बहुत कठिन है डगर पनघट की
बहुत दिन बीते पिया को देखे
बहुत रही बाबुल घर दुल्हन
मोरा जोबना नवेलरा भयो है गुलाल
सकल बन फूल रही सरसों
हजरत ख्वाजा संग खेलिए धमाल
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