Wednesday, 18 July 2018

3.4 million crores fine punched by beautiful Pichai

 सुंदर पिचाई के लिए इमेज परिणाम
यूरोपियन यूनियन ने गूगल पर 3.4 लाख करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. इसकी वजह ये है कि गूगल एंड्रॉयड स्मार्टफोन को अपने ऐप्स की पहुंच बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करता है. यूरोपियन यूनियन की तरफ से लगे इस जुर्माने के बाद गूगल के सीईओ का बयान आया है. 
उन्होंने यूरोपियन यूनियन के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि यूरोपियन यूनियन ने इस तथ्य को दरकिनार किया है कि गूगल का एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम ऐपल के iOS ऑपरेटिंग  सिस्टम से टक्कर लेता है. गूगल के इस ब्लॉगपोस्ट पर सुंदर पिचाई का एक आर्टिकल है जिसकी हेडिंग ये है कि एंड्रॉयड ने ज्यादा ऑप्शन दिए हैं, कम नहीं.
 फाइन लगने की वजहों में सबसे बड़ी वजह ये है कि गूगल एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स में अपने ऐप्स प्री लोडेड देता है. इसके जवाब में सुंदर पिचाई ने कहा है, ‘आम तौर पर एंड्रॉयड स्मार्टफोन 40 प्री लोडेड ऐप्स के साथ आता है. ये ऐप्स सिर्फ उस कंपनी के नहीं होते हैं जिसका फोन है, बल्कि इनमें कई डेवेलपर्स के ऐप्स होते हैं. अगर आप कोई दूसरा ऐप, ब्राउजर या सर्च इंजन यूज करना चाहते हैं तो आप प्री लोडेड ऐप्स को आसानी से डिसेबल या डिलीट कर सकते हैं और इसके बदले कोई दूसरा ऐप यूज कर सकते हैं. इनमें 1.6 मिलियन यूरोपियन्स के भी ऐप्स हैं जो ऐप डेवेलपर्स हैं’
 यूरोपियन यूनियन ने गूगल को इस बिजनेस प्रैक्टिस को बदलने के लिए 90 दिनों का वक्त दिया है. इसके जवाब में सुंदर पिचाई ने कहा है, ‘यूरोपियन यूनियन ने एंड्रॉयड और इसके बिजनेस मॉडल के खिलाफ फैसला दिया है. दिया गया फैसला इस फैक्ट को इग्नोर करता है कि एंड्रॉयड फोन्स iOS फोन्स से टक्कर लेते हैं. आज एंड्रॉयड की वजह से हर कीमत पर 1,300 अलग अलग कंपनियों से 24,000 से ज्यादा डिवाइस उपलब्ध हैं. इनमें डच, फिनिश, फ्रेंच, जर्मन, हंग्री, इटैलियन, लतैवियन, रोमैनियन, स्पैनिश और स्वीडिश फोन मेकर्स शामिल हैं’


सुंदर पिचाई के मुताबिक एक आम एंड्रॉयड फोन यूजर खुद से 50 ऐप्स इंस्टॉल करता है. पिछले साल दुनिया भर में लगभग 94 बहिलियन ऐप्स गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किए गए हैं. इनमें ओपेरा मिनी और फायरफॉक्स जैसे ब्राउजर्स भी हैं जिनमें 100 मिलियन बार से ज्यादा डाउनलोड किया गया है, जबकि यूसी ब्राउजर 500 मिलियन से ज्यादा बार डाउनलोड किया गया है.
क्या है पूरा मामला
 गूगल की पेरेंट कंपनी ऐल्फाबेट को अपनी बिजनेस प्रैक्टिस बदलने को लेकर 90 दिनों का वक्त दिया गया है. कहा गया है कि अगर ऐसा करने में कंपनी फेल होती है तो रोजाना के टर्नओवर का 5 फीसदी हिस्सा जुर्माना के तौर पर वसूल किया जाएगा.
गौरतलब है कि गूगल पर लगाया ये जुर्माना किसी भी एक कंपनी पर लगाया गया अब तक का सबसे ज्यादा है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को इस फैसले के बारे में कंपटीशन कमीशन मार्ग्रेट वेस्टैजर पहले से ही बताया है.

क्यों लगा जुर्माना?
गूगल पर लगे इस फाइन की वजह काफी साधारण है और अगर आप एंड्रॉयड यूज करते हैं तो आप इससे परिचित ही होंगे.

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