रांची के रोहित प्रसाद ने पांच साल पहले एक ऐसी डिवाइस बनानी शुरू की, जो लोगों की आवाज पर काम कर सके। बाद में उन्होंने पर्सनल वॉयस असिस्टेंट के रूप में अलेक्सा बनाया, जो ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन पर काफी पसंद किया जा रहा है। इसके लिए रोहित को टेक, बिजनेस और मीडिया के दुनिया के 100 सबसे ज्यादा क्रिएटिव लोगों की लिस्ट 15वें नंबर पर रखा गया है।
टेक वेबसाइट री-कोड की 2017 में आई इस लिस्ट में रोहित से आगे अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस, सॉफ्टवेयर इंजीनियर सुजैन फॉलर, फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग, एपल के सीईओ टिम कुक, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, स्पेस एक्स के सीईओ एलन मस्क और माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला जैसे लोग हैं। रोहित बताते हैं कि उन्होंने अपने दोस्त टोनी रेड के साथ इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया था।
रांची से ताल्लुक रखते हैं रोहित : मूलरूप से रांची निवासी रोहित का परिवार भारत में ही रहता है। परिवार से मिलने के लिए रोहित हर साल रांची आते हैं। वे बताते हैं, उन्होंने 1997 में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग पूरी की थी। इसके बाद वे इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए। वहां उन्होंने वायरलेस एप्लिकेशन की बिट-रेट कोडिंग पर रिसर्च की। इसके बाद 14 साल तक बीबीएन टेक्नोलॉजी पर काम किया।
मुझे पहले यह सपना लगता था : रोहित ने 2013 में अमेजन के साथ काम शुरू किया। वे ऐसे प्रोडक्ट्स और सर्विसेज पर काम करते थे, जिनसे आम लोगों को रोजाना दो-चार होना पड़ता है। 2016 में उन्हें अलेक्सा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का हेड साइंटिस्ट बनाया गया। एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में रोहित ने कहा कि पांच साल पहले किसी डिवाइस से दूर से बात करने में काफी शोर आता था। कभी-कभी यह सपने की तरह लगता था, लेकिन अब यह हकीकत है।
टेक वेबसाइट री-कोड की 2017 में आई इस लिस्ट में रोहित से आगे अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस, सॉफ्टवेयर इंजीनियर सुजैन फॉलर, फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग, एपल के सीईओ टिम कुक, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, स्पेस एक्स के सीईओ एलन मस्क और माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला जैसे लोग हैं। रोहित बताते हैं कि उन्होंने अपने दोस्त टोनी रेड के साथ इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया था।
रांची से ताल्लुक रखते हैं रोहित : मूलरूप से रांची निवासी रोहित का परिवार भारत में ही रहता है। परिवार से मिलने के लिए रोहित हर साल रांची आते हैं। वे बताते हैं, उन्होंने 1997 में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग पूरी की थी। इसके बाद वे इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए। वहां उन्होंने वायरलेस एप्लिकेशन की बिट-रेट कोडिंग पर रिसर्च की। इसके बाद 14 साल तक बीबीएन टेक्नोलॉजी पर काम किया।
मुझे पहले यह सपना लगता था : रोहित ने 2013 में अमेजन के साथ काम शुरू किया। वे ऐसे प्रोडक्ट्स और सर्विसेज पर काम करते थे, जिनसे आम लोगों को रोजाना दो-चार होना पड़ता है। 2016 में उन्हें अलेक्सा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का हेड साइंटिस्ट बनाया गया। एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में रोहित ने कहा कि पांच साल पहले किसी डिवाइस से दूर से बात करने में काफी शोर आता था। कभी-कभी यह सपने की तरह लगता था, लेकिन अब यह हकीकत है।

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