बारिश के दिनों में नमी व उमस के चलते कान की बीमारियों में इजाफा हो जाता है। ऐसे में इसकी खास देखभाल करना जरूरी है। कई लोगों की आदत रोजाना कान को साफ करने की होती है। उन्हें लगता है कि शरीर के अन्य भागों की तरह कान भी रोजाना साफ करना चाहिए। इसके लिए वो इयरबड, पिन या तीली का प्रयोग करते है। कई लोग नहाते समय पानी के छींटे लगाते हैं। यह कई परेशानियां पैदा कर सकता है।
- कान शरीर का स्वत: ही साफ होने वाला भाग होता है। इसे रोजाना साफ करने की जरूरत नहीं होती। कान को सूखा रखें इसमें पानी न जाने दें। नहाते समय खास ध्यान रखें।
- कुछ ही लोगों के कान में मैल अत्यधिक मात्रा में बनता है, बहुत ठोस होता है या कान की केनाल टेढ़ी व संकरी होने से अपने आप बाहर निकल पाने में रुकावट रहती है, तब केवल विशेषज्ञ से ही इसे निकलवाना चाहिए।
- ज्यादातर कान के पर्दे व हड्डी के रोग लंबे समय से जुकाम रहने पर होते हैं। नाक बंद रहने या जुकाम रहने पर नाक व कान के मध्य स्थित यूस्टेकियन ट्यूब के उचित कार्य न करने की स्थिति में कान पर प्रतिकूल असर होने लगता है। ऐसे में विशेषज्ञ की मदद लें।
- कई बार लोग घर में ही कान की गलत सफाई करने के बाद होने वाले दर्द से बचने के लिए घरेलू नुस्खे आजमाने लगते हैं, ऐसा बिल्कुल न करें इससे अंदरूनीतौर पर घाव हो सकता है।
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