
. इस बार 14 से 21 जुलाई तक आषाढ़ की गुप्त नवरात्र का पर्व मनाया जाएगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, नवरात्र में दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से सभी मनोकामना पूरी हो सकती है, लेकिन आज की भाग-दौड़ भरी लाइफ में दुर्गा सप्तशती पढ़ने का समय शायद ही किसी के पास हो। ऐसी स्थिति में सिर्फ 1 श्लोक बोलकर भी पूरी दुर्गा सप्तशती का पाठ करने का फल पाया जा सकता है। इस मंत्र को एक श्लोकी दुर्गासप्तशती कहते हैं।
यह मंत्र इस प्रकार है-
मंत्र
या अंबा मधुकैटभ प्रमथिनी,या माहिषोन्मूलिनी,
या धूम्रेक्षण चन्ड मुंड मथिनी,या रक्तबीजाशिनी,
शक्तिः शुंभ निशुंभ दैत्य दलिनी,या सिद्धलक्ष्मी: परा,
सादुर्गा नवकोटि विश्व सहिता,माम् पातु विश्वेश्वरी
इस विधि से करें एक श्लोकी दुर्गा सप्तशती मंत्र का जाप
1. गुप्त नवरात्र में रोज सुबह जल्दी नहाकर, साफ कपड़े पहनकर देवी दुर्गा के चित्र या मूर्ति की पूजा करें।
2. माता दुर्गा के सामने आसन लगाकर रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जाप करें। रोज कम से कम 1 माला (108 बार) जाप अवश्य करें।
3. आसन कुश का हो तो अच्छा रहता है। एक ही समय, आसन व माला हो तो यह मंत्र जल्दी ही सिद्ध हो जाता है।
दुर्गा सप्तशती का महत्व
- यह मार्कण्डेय पुराण का भाग है। जिसमें देवी दुर्गा की महिषासुर नामक राक्षस पर जीत का वर्णन किया गया है।
- भुवनेश्वरी संहिता के अनुसार ''सप्तशती'' को अनादि माना गाया है। ''दुर्गा सप्तशती'' को शक्ति उपासना का श्रेष्ठ ग्रंथ माना गया है।
- 'दुर्गा सप्तशती' में सात सौ श्लोक हैं जिन्हे तीन भागों में बांटा गया है। प्रथम चरित्र (महाकाली), मध्यम चरित्र (महालक्ष्मी) तथा उत्तम चरित्र (महा सरस्वती) है।
लाभ
- इसके पाठ से शत्रुओं का भय दूर होता है और इनका सामना करने की हिम्मत मिलती है।
- जमीन- जायदाद को लेकर चल रहे विवादों में जीत मिलती है।
- इसका पाठ करने से धन, सुंदर जीवनसाथी और सुखी दामपत्य जीनव की प्राप्ति होती है।
- इससे मान-सम्मान बढ़ता है और समाज में आपकी प्रतिष्ठा बढ़ती है।
 
 
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