
15 साल पहले फ्रांस की एक ज्वेलरी शॉप में चोरी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को सर्बिया से गिरफ्तार किया गया है। इंटरपोल के मुताबिक, इस गिरोह ने 1999 से 2015 के बीच 16 साल के दौरान 380 चोरियों को अंजाम दिया। ये लोग हाईप्रोफाइल ज्वेलरी स्टोर में डकैतियां डालते थे। माना जा रहा है कि गिरोह ने 391 मिलियन डॉलर (करीब 2687 करोड़ रु.) की चोरियां कीं।
घटना सितंबर 2003 की है। गिरोह के नकाबपोश सदस्य फ्रांस के बेलफोर्ट इलाके की एक ज्वेलरी शॉप में घुसे। एक के हाथ में बंदूक थी। आरोपियों ने एक मिनट में शॉप के कांच के शो केस तोड़कर 3 लाख 50 हजार यूरो (2 करोड़ 82 लाख रुपए) की ज्वेलरी और घड़ियां लूट लीं।खून के धब्बे से मिला सुराग: 15 साल तक न तो चोर पकड़ में आए और न ही उनकी पहचान हो पाई। फोरेंसिक टीम को कांच के कैबिनेट पर खून मिला। डीएनए जांच में ये खून दो सर्बियाई नागरिकों जीका और बोका का पाया गया। इन लोगों को फ्रांस में कोई नहीं जानता था लेकिन वे ऑस्ट्रिया में वॉन्टेड थे। बाद में फोन रिकॉर्ड्स पता करने पर सासा और लूका नाम के दो आरोपियों का और पता चल गया। सर्बिया के सरकारी वकील जुबिसा द्रागसेविच ने बताया, "ज्यादातर अपराधी निस, काकाक और यूजाइस इलाके से आते हैं। ये इलाके कभी रोजगार के लिहाज से बेहतर हुआ करते थे लेकिन आज उनकी हालत खराब है। लिहाजा वहां के लोग अपराध की ओर मुड़ रहे हैं।अपराधियों के बीच उन्हें शोहरत मिलती है। उन्हें गरीबों का मसीहा के रूप में देखा जाता है।''
सजा मिलना मुश्किल: भले ही आरोपियों की पहचान हो गई हो लेकिन इन्हें फ्रांस में सजा नहीं हो सकती। क्योंकि फ्रांस और सर्बिया के बीच प्रत्यर्पण संधि नहीं है। 2009 में बेलग्रेड में फ्रांस के एक फुटबॉल समर्थक की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद फ्रांस और सर्बिया के बीच कानूनी संधि हुई थी। लिहाजा फ्रांस, सर्बिया से उन्हें अपने यहां सुनवाई के लिए बुलवा सकता है।
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